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लेखनी कहानी -18-Jun-2022मुक्तक : हमसाया

हमसफ़र,  हमराज तुम , हमराही, हमदम मेरे 
हमनशीं तुम दिलनशीं हो, तुम ही हमसाया मेरे 
ख्वाबों में तुम, सांसों में तुम, आहों में हो तुम मेरे 
धड़कन में तुम, तड़पन में तुम, तुम मेहरबां हो मेरे 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
18.6.22 


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3 Comments

Pallavi

18-Jun-2022 09:13 PM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

18-Jun-2022 05:42 PM

बेहतरीन

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Raziya bano

18-Jun-2022 05:12 AM

Beautiful

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